चवन्नी का रिटायरमेन्ट



क्योकि इस समय लोग
पैसे के बदले बहुत कम सामान खरीदते थे बाटक व्यवस्था प्रचलित थे एक सामान के बदले में
दूसरा सामान लिया जाता था। मजदूरी में भी अध्कितर अनाज दे दिया जाता था। पैसों का लेन
देन कम ही था।







राजा जार्ज षष्ठम
भारत में भारत के आजाद होने के बाद से गणतंत्र लागू होने तक भारत में रहे। और तब तक
तो ब्रटिश सरकार के ही सिक्के चलते रहे। अपनी इस उम्र में भी मेरा वैभव कम नहीं था।
बच्चों के पास अगर मैं होता तो वह कितनी मिठाई खा लेते और खिलौने खरीद लेते। और तो
और एक आदमी भर पेट खाना खा सकता था। लेकिन 15 अगस्त 1950 को देश का पहला अपना सिक्का लागू किया गया। रूपये के चौथे हिस्से
के रूप मै और इस समय मै चांदी या तांबे से न बनकर निकिल से बनाया गया। और इस पर देवनागरी
लिपि में चार आना लिखा गया। और इस पर अशोक की लाट का चिन्ह अंकित था।



